भारतीयअर्थव्यवस्था से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य
Arthvyavstha |
नई आर्थिक नीति
- निजीकरण
- उदारीकरण
- विश्वव्यापीकरण
निर्धनता और बेरोजगारी
मिश्रित अर्थव्यवस्था व व्यवस्था होती है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र दोनों प्रकार के क्षेत्र एक साथ मिलकर काम करते हैं ऐसी व्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था कहलाती है मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेषताओं के बारे में अगर हम बात करें तो मिश्रित अर्थव्यवस्था की निम्नलिखित विशेषताएं हैं
सामाजिक आर्थिक कल्याण : यह एक ऐसी प्रणाली होती है जिसमें सरकार मुख्य रूप से जनता के कल्याण के लिए काम करती है ।
निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों का अस्तित्व: इस प्रणाली में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र एक साथ वेतनमान रहते हैं मिश्रित अर्थव्यवस्था में पूंजीवादी विचारधारा के आधार पर श्रमिक व्यक्तिगत संपत्ति व्यवस्था चुनने की स्वतंत्रता प्रोत्साहन आदि के अधिकार प्रदान किए जाते हैं
आर्थिक नियोजन: मिश्रित अर्थव्यवस्था में सरकार आर्थिक नियोजन को अपनाती है सरकार केंद्रीकृत नियोजन सप्ताह के माध्यम से निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के लिए भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करती है सीमित आर्थिक स्वतंत्रता:मिश्रित अर्थव्यवस्था में लोगों को अपनी इच्छा के अनुसार व्यवसाय करने की स्वतंत्रता होती है लेकिन निजी क्षेत्र को यह चुनाव नियोजन सत्ता द्वारा निर्धारित कार्य क्षेत्र के अंतर्गत ही करना पड़ता है
मिश्रित अर्थव्यवस्था के गुण
निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना मिश्रित अर्थव्यवस्था के क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र को आगे बढ़ने का पूरा पूरा अवसर प्रदान किया जाता है जिससे पूंजी निर्माण को बढ़ावा मिलता है और देश का आर्थिक विकास भी होता है
साधनों का कुशल तम उपयोग करने से सार्वजनिक क्षेत्र में निजी क्षेत्र दोनों यह साधनों का कुशल रूप से उपयोग करने का प्रयत्न करते हैं निजी क्षेत्र लाभ कमाने का भरसक प्रयास करता है और सार्वजनिक क्षेत्र सामाजिक कल्याण को करने का काम करता है
आर्थिक नियोजन मिश्रित अर्थव्यवस्था में आर्थिक नियोजन किया जाता है सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र दोनों को नियोजन के उद्देश्यों के साथ जोड़ा जाता है जिसे देश का विकास तेजी से होता है
आर्थिक समानता मिश्रित अर्थव्यवस्था में आर्थिक क्रियाओं का संपादन एवं वितरण इस प्रकार किया जाता है कि देश में प्रचलित आर्थिक विषमताओं का समाप्त किया जा सके
अंशकालिक देशों के लिए यह प्रणाली अल्पविकसित देशों के लिए बहुत ही उपयोगी होती है क्योंकि इसमें निजी क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र मिल कर के काम करते हैं
प्रतियोगिता के कारण फसल उत्पादन मिश्रित अर्थव्यवस्था में व्यवसाय में प्रतियोगिता होती रहती है जिसमें उद्योगों के उत्पादन में कुशलता पूर्वक कार्य का परिणाम मिलता है ताकि नाम अच्छी मात्रा में मिल सके और उत्पादन भी होता रहे
मिश्रित अर्थव्यवस्था के दोष
निजी क्षेत्र के विकास में बाधा मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र पर अनेक प्रतिबंध लगाए जाते हैं जो उस क्षेत्र के विकास में बाधक सिद्ध होते हैं साथ ही साथ निजी क्षेत्र को राष्ट्रीयकरण का भी भय बना रहता है जिसे भी अपना विकास नहीं कर पाते हैं
सार्वजनिक क्षेत्र में मिश्रित अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र पर चयन किया जाता है उसमें बहुत ज्यादा व्यवस्था सार्वजनिक क्षेत्र में कर्मचारी इमानदारी वास कुशलतापूर्वक काम नहीं करते और यही कारण है कि अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को हानि का सामना करना पड़ता है इस प्रकार देश के साधनों का बहुत अपव्यय होता है
अक्सर नियोजन मिश्रित अर्थव्यवस्था में संपूर्ण नियोजन नहीं हो पाता है अर्थव्यवस्था को कोई ना कोई बहाना नियोजन से अलग रह जाता है या उस पर सरकार को कोई नियंत्रण नहीं हो पाता है
स्थिर अर्थव्यवस्था निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में उचित तालमेल न होने के कारण इस अर्थव्यवस्था में स्थिरता पाई जाती है इसका कारण यह है कि जब सार्वजनिक क्षेत्र शक्तिशाली बन जाता है तो निजी क्षेत्र का महत्व समाप्त हो जाता है और अर्थव्यवस्था अपने आप ही समाजवाद की ओर बढ़ने लगती है निजी क्षेत्र पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में बदल जाता है
- नई आर्थिक निति की रूप रेखा सर्वप्रथम कब भारत में कब तैयार की गयी थी ? -1985 ई०
- निजी करण,उदारीकरण तथा विश्वव्यापीकरण भारत में किसके शासन काल में आई ? -1991 ई० (SSC-CGL-2012)
- विनिवेश कमीशन के पहले अध्यक्ष कौन थे ? - जी०वी०रामकृष्ण
- रेसिडेक्स का सम्बन्ध किससे है ? -कमीं की कीमतों से (SSC-CGL-2016)
- भारत में सर्वप्रथम गरीबी का अध्ययन किसने किया था ? -श्री बी एस मिन्हास
- लकड़ वाला सिमित के अनुसार कितने कैलोरी उपभोग का आधार ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में माना ? -क्रमशः 2400 कैलोरी व 2100 कैलोरी प्रति व्यक्ति
- देश की निर्धनता का आकलन किसके द्वारा किया जाता है ? -राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO)
- कृषि बेरोजगारी किस प्रकार की बेरोजगारी मानी जाती है ?-मौसमी बेरोजगारी (SSC-CHSL-2008)
- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरुआत कब हुई थी ? -1952 ई०
- सरकार द्वारा अपने देश में एकत्रित निधि को कहते हैं ? -घरेलू बचत श्रोत (SSC-CGL-2012)
- प्रधानमन्त्री ग्रामोदय योजना भारत में कब लागू की गयी थी ? -2000 ई०
- भारतीय विशेष आर्थिक नियम संसोधन कब हुआ था ? -2006 (SSC-CGL-2013)
- सर्वशिक्षा अभियान की शुरुआत भारत में कब हुई ? -2000-01 ई०
- हरियाली योजना भारत में कब आई ? -2003 ई०
- वह जोत जो किसानों को कम-से-कम एक जीविका तो उपलब्ध कराती है ,कहलाती है ? -आर्थिक जोत (SSC-CGL-2012)
- आम -आदमी बीमा योजना की शुरूआत कब हुई ? -2007-08 ई०(SSC-2008)
- मिड-डे -मील योजना (MDM) की शुरुआत कब हुई ? -15 अगस्त 1995 ई०
- मनरेगा योजना की शुरुआत भारत में कहाँ से हुई ? -आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले से (SSC-CHSL-2014,LEKHPAL-2015)
- सघन खेती का सम्बन्ध है | -मौजूदा भूमि के सघन उपयोग से उपज बढ़ाना (SSC-CGL-2016)
- भिन्नात्मक ब्याज प्रणाली का उद्देश्य क्या है ? -समाज के कमजोर वर्ग को रियायती कर्ज प्रदान करना (SSC-CGL-2016)
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