UPSSSC Lekhpal :Panchayati Raj Vyavstha in Hindi | पंचायती राज व्यवस्था क्या है?

ग्राम सभा क्या होती है ?

ग्राम सभा एक पंचायत क्षेत्र में रहने वाले सभी वयस्कों की सभा होती है |एक गाँव या कुछ छोटे गांवों को जोड़कर एक पंचायत का निर्माण किया जाता है|कई राज्यों में हर गाँव की ग्राम सभा की बैठक अलग होती है |कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से ज्यादा हो तथा मतदाता सूची में अगर उसका नाम है तो उसे वोट देने का अधिकार प्राप्त होता है|

Panchayatiraj vyavstha

ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा नियत समय पर ग्राम पंचायत का चुनाव किया जाता है,जिससे एक प्रधान अथवा सरपंच के अतिरिक्त कुछ पंच भी होते हैं |इन पंचों की संख्या 5 से लेकर 15 तक हो सकती है |एक पंचायत कई छोटे क्षेत्रों में बटी होती है|प्रत्येक क्षेत्र में एक प्रतिनिधि चुना जाता है जो क्षेत्र पंच के नाम से जाना जाता है |इसके साथ पंचायत क्षेत्र के लोग मिलकर सरपंच को चुनते हैं|

क्षेत्र पंच और सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत का गठन पांच साल के लिए करते हैं |ग्राम पंचायत का एक सचिव भी होता है |सचिव का चुनाव नहीं होता है बल्कि उसकी सरकार द्वारा नियुक्ति होती है| सचिव का काम ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत की सभा बुलाना और जो भी चर्चा एवं निर्णय हुए हो उनका रिकार्ड रखना| ग्राम पंचायत पूरे गाँव के हित में निष्पक्ष रूप से काम कर सके इसलिए ग्राम सभा की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है|

ग्राम सभा की बैठक में ग्राम पंचायत अपनी योजनायें लोगों के सामने रखती है| ग्राम सभा पंचायत को मनमाने ढंग से काम करने से रोक सकती है |साथ ही,पैसों का दुरूपयोग एवं कोई गलत काम न हो,इनकी निगरानी भी करती है|इस तरह से ग्राम सभा चुने हुए प्रतिनिधियों पर नजर रखने और लोगों के प्रति उन्हें जिम्मेदार एवं जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| 

ग्राम पंचायत के कार्य 

ग्राम पंचायत को मुख्यतः तीन कार्यों में अपना योगदान देना होता है|

  1. नागरिक सुविधाएँ| 
  2. समाज कल्याण के कार्य| 
  3. आर्थिक विकास और सामाजिक विकास की योजनाएं बनाना| 

नागरिक सुविधाएँ 

नागरिक सुविधाओं के अंतर्गत नागरिकों के उत्तम स्वास्थ्य एवं जीवन के लिए सफाई,गंदे पानी के निकास,पीने के लिए स्वच्छ जल,सुविधाजनक आवागमन के रास्ते तथा बिजली की व्यवस्था के अतिरिक्त बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूलों की समुचित व्यवस्था भी ग्राम पंचायतों को करनी होती है|
 

समाज कल्याण के कार्य 

समाज कल्याण कार्य के अंतर्गत पंचायत के लोगों के जन्म एवं मृत्यु सम्बन्धी आकडे रखने के साथ-साथ कृषि विकास एवं पशुपालन में भी ग्राम पंचायत की भूमिका अहम् होती है|
 

विकास कार्य 

ग्राम विकास के लिए ग्राम पंचायत सड़क, नाली, तालाब, पुस्तकालय, स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक भवन आदि का निर्माण करवाती है|
सड़कों, नालियों, स्कूलों, भवनों, पानी के स्रोतों और अन्य सार्वजानिक उपयोग के भवनों का निर्माण और रख्ररखाव का कार्य भी ग्राम पंचायत के द्वारा किया जाता है |ग्राम पंचायत अपनी आय के लिए स्थानीय कर लगाती है और उसे इकट्ठा करती है|
गाँव के लोगों को रोजगार देने सम्बन्धी सरकारी योजनायें लागू करने की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायत की होती है |

ग्राम पंचायत के आमदनी के स्रोत

  • घरों एवं बाजारों पर लगायें जाने वाले कर से मिलने वाली राशि|
  • विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलायी गयी योजनाओं की राशी जो जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा आती है|
  • समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान|
  • चुंगी कर|
कुछ राज्यों में ग्राम सभाएं काम  करवाने के लिए समितियां बनाती हैं,उदहारण के लिए निर्माण समिति |मान लीजिये कि गाँव में एक सामुदायिक केंद्र का भवन बनवाना है,तो यह काम निर्माण समिति करेगी| इन समितियों में कुछ सदस्य ग्राम सभा के होते हैं और कुछ पंचायत के होते हैं | ये दोनों मिलकर गाँव के विकास के लिए काम करते हैं |

पंचायती राज व्यवस्था के स्तर

पंचायती राज व्यवस्था,जिसे स्थानीय स्वशासन भी कहा जाता है,के तीन स्तर हैं

  1. ग्राम पंचायत
  2. पंचायत समिति
  3. जिला परिषद् 
 

ग्राम पंचायत

ग्राम पंचायत स्थानीय स्वशासन की सबसे निचली स्तर की संस्था है| इसे पंचायती राजव्यवस्था को लोकतान्त्रिक सरकार की पहली सीढ़ी कहा जाता है|

ग्राम पंचायत ग्राम सभा के प्रति जवाबदेह होती है क्योंकि ग्राम सभा के लोगो ही उसको चुनते हैं | पंचायती राज व्यवस्था में लोगों की भागीदारी दो और स्तरों पर होती है |

ग्राम पंचायत की नियमित रूप से बैठक होती है | उसका प्रमुख काम उसके क्षेत्र में आने वाले गांवों में विकास कार्यक्रम लागू करवाना होता है | ग्राम सभा ही पंचायत के काम को स्वीकृति देती है तभी पंचायत अपना काम कर पाती है |

पंचायती समिति

ग्राम पंचायत के बाद दूसरा स्तर विकासखंड का होता है |इसे जनपद पंचायत या पंचायत समिति कहते हैं| एक ग्राम पंचायत समिति में कई ग्राम पंचायते होती हैं|

जिला पंचायत 

पंचायत समिति के ऊपर जिला पंचायत या जिला परिषद् होती है | यह तीसरा स्तर होता है |जिला परिषद एक जिले के स्तर पर विकास योजनायें बनाती हैं | पंचायत समिति की मदद से जिला परिषद् सभी पंचायतों में आवंटित राशि के वितरण की व्यवस्था करती है |

संविधान में दिए गए निर्देशों के आधार पर देश के हर राज्य ने पंचायत से जुड़े कानून बनायें हैं इसीलिए पंचायत सम्बन्धी कानून हर राज्य में कुछ अलग-अलग हो सकते हैं | इसके पीछे मुख्य विचार यही है कि अपने गाँव की व्यवस्था में लोगों की भागीदारी बढ़े और उन्हें अपनी उठाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मौके मिले |

गाँव का प्रशासन

भारत में छः लाख से अधिक गाँव है उनकी पानी,बिजली,सड़क,आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए गाँव के प्रशासन की व्यवस्था करनी पड़ती है|सामान्यतः गाँव के छोटे-मोटे झगड़े का निपटारा सरपंच करता है | यदि समस्या बढ़ी हो,तो पुलिस थाने में शिकायत की जाती है | हर पुलिस थाने का एक कार्यक्षेत्र होता है जो उसके नियन्त्रण में रहता है | लोग उस क्षेत्र में हुई चोरी,दुर्घटना,मारपीट,झगड़ा आदि की रिपोर्ट उसी थाने में लिखवा सकते हैं | यह वहां के थानेदार की जिम्मेदारी होती है कि वह लोगों से घटना के बारे में पूछतांछ करे,जाँच पड़ताल करें और अपने क्षेत्र के अन्दर के मामलों पर कार्यवाही करे|

गावों की जमीन को नापना और उसका रिकार्ड रखना लेखपाल (पटवारी) का मुख्य कार्य होता है,जो राजस्व विभाग का कर्मचारी होता है| प्रत्येक लेखपाल कुछ गावों के लिए जिम्मेदार होता है| किसानों को अक्सर अपने खेत के नक़्शे और रिकार्ड की जरूरत पड़ती है | इसके लिए उनको कुछ शुल्क देना पड़ता है | किसानों को इसकी नक़ल पाने का अधिकार है|

नगर प्रशासन

नगर प्रशासन चलाने वाले संस्थान को नगर निगम भी कहते हैं| छोटे कस्बों में इसे नगरपालिका कहते है| नगर निगम का काम यह सुनिश्चित करना भी है कि शहर में बीमारियाँ न फैले |यह स्कूल स्थापित करता है और उन्हें चलाता है| शहर में दवाखाने और अस्पताल चलाता है | यह बाग़-बगीचों का रख-रखाव भी करता है |

भारत में चलायी जाने वाली पंचवर्षीय योजनाओं के बारे में पढ़ने के लिए click करें |

नगर प्रशासन की आय के स्रोत

  • नगर निगम अपने खर्चे के लिए राशि अलग-अलग तरीकों से इकट्ठा करता है| इस राशि का बड़ा भाग लोगों द्वारा दिए गए कर से आता है| कर वह राशि है जो लोग सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गयी सुविधाओं के लिए सरकार को देते हैं|
  • जिन लोगों के अपने घर होते हैं उन्हें संपत्ति कर देना होता है और साथ ही पानी एवं अन्य सुविधाओं के लिए भी कर देना होता है जितना बड़ा घर उतना ज्यादा कर होता है|
  • निगम के पास जितना पैसा आता है उसमें संपत्ति कर से केवल 25-30%पैसा ही आता है|
  • शिक्षा पर भी कर लगता है |दूकान, होटल पर भी कर देना पड़ता है| सिनेमा देखने के लिए मनोरंजन कर देना पड़ता है|
  • जब एक वार्ड के अन्दर कोई समस्या होती है,तो वार्ड के लोग पार्षद से संपर्क कर सकते हैं| उदाहरण के लिए अगर बिजली के खतरनाक तार लटक कर नीचे आ जाएँ तो स्थानीय पार्षद बिजली विभाग के अधिकारियों से बात करने में मदद कर सकते हैं|
  • जहाँ पार्षदों की समितियां एवं पार्षद विभिन्न मुद्दों पर निर्णय लेने का काम करते हैं वहीँ उन्हें लागू करने का काम कमिश्नर और प्रशासनिक अधिकारी करते हैं|आयुक्त (कमिश्नर) और प्रशासनिक कर्मचारियों की सरकार द्वारा नियुक्ति की जाती है,जबकि पार्षद निर्वाचित होते हैं|क्योंकि शहर का आकार बहुत बड़ा होता है इसलिए नगर निगम को कई निर्णय लेने होते हैं |इसी तरह शहर को साफ़ रखने के लिए बहुत काम करना पड़ता है |ज्यादातर नगर पार्षद ही यह निर्णय लेते हैं नगर का कोई काम कैसे और कहाँ होगा जैसे कि अस्पताल या पार्क कहाँ बनेगा आदि.
  • सारे वार्डों के पार्षद मिलते हैं और सबकी सम्मिलित राय से बजट बनाया जाता है | उसी बजट के अनुसार पैसा खर्च किया जाता है |पार्षद यह प्रयास करते हैं कि उनके वार्ड की विशिष्ट जरूरतें परिषद् के सामने रखी जा सकें फिर ये निर्णय प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा क्रियान्वित किये जाते हैं|
  • शहर में काम को अलग-अलग विभागों में बाँट देते हैं | जैसे- जल विभाग, कचरा जमा विभाग,बागों की देखभाल का विभाग, सड़क विभाग आदि|


पंचायती राज व्यवस्था से सम्बंधित प्रश्न

1.पंचायती राज व्यवस्था का प्रावधान संविधान के किस भाग वर्णित है-भाग-

2. संविधान के किस भाग में पंचायतों की स्थापना की बात की गयी है? -भाग-

3. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में राज्य सरकारों को ग्राम पंचायत के संगठन की बात कही गयी है? -अनुच्छेद-40 

4. संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में क्या सम्मिलित किया गया है?-पंचायतों का कार्यक्रम 

5. पंचायती राज प्रणाली किस पर आधारित है? -सत्ता का विकेन्द्रीकरण करना 

6. 73वां संविधान संसोधन का सम्बन्ध किससे है?    -पंचायती राज 

7. भारत में किसके अंतर्गत पंचायती राज प्रणाली की व्यवस्था की गई? -73 वां 

8.भारत के किस चुनाव में आरक्षित स्थानों की चक्रानुक्रम से भरे जाने का प्रावधान किया गया है?    -प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान द्वारा

9. पंचायत के विघटन हो जाने के बाद किस समय के अंदर चुनाव कराया जाता है? -6 महीने के अंदर

10. पंचायती राज सस्न्थानों के निर्वाचन के लिए उत्तरदायी है?-राज्य निर्वाचन आयोग

11.पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं तथा दुर्बल वर्गों के अधिक समर्थक कौन थे?-राजीव गाँधी

12. पंचायत के चुनाव कराने के लिए निर्णय किसके द्वारा लिया जाता है? -राज्य सरकार 

13. भारत में पंचायती राज का प्रारम्भ किस वर्ष किया गया?-2 अक्टूबर 1959 

14. भारत में पंचायती राज्य की  स्थापना सबसे पहले कहाँ पर की गयी थी? -राजस्थान (नागौर जिला)

15. सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरुआत कब की गयी?-1953 

16. भारत में पंचायती राज व्यवस्था किस समिति द्वारा की गयी? -बलवंत राय मेहता समिति

17. बलवंत राय मेहता समिति ने किसको अधिक शक्तिशाली बनाने का सुझाव दिया? -पंचायत समिति

18.पंचायती राज संस्थाओं के संघठन के दो स्तर होने का सुझाव दिया? -अशोक मेहता समिति ने 

19. पंचायती राज सस्थाओं के निम्न स्तर पर कौन है? -ग्राम सभा व पंचायत 

20.जिला परिषद् का प्रमुख कार्य का होता है?    -समन्वय एवं पर्यवेक्षण करना 

21.पंचायती राज की सबसे प्रमुख समस्या क्या है?    -दलगत राजनीति 

22. ग्राम पंचायत का निर्वाचन कराना किस पर निर्भाग करता है-राज्य सरकार पर 


 
दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी,यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी और यदि आपको और भी इसी तरह की जानकारी चाहते हैंतो हमें comment box में जरूर बताएं| हमें आपके comment का इन्तजार रहेगा |

Post a Comment

0 Comments