UPTET Paper I Syllabus primary level | उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा सिलेबस
किसी भी परीक्षा की तैयारी करने से पहले हमें यह जान लेना अति आवश्यक होता है कि परीक्षा का स्लेबस कैसा है?किस विषय से कितने प्रश्न पूछे जा सकते हैं ? फिर सिलेबस के अनुसार तैयारी करना चाहिए इससे समय बर्बाद नहीं होता है तथा सिलेक्टिव प्रश्नों को पढ़ने से सफलता की उम्मीद बढ़ जाती है | UPTET परीक्षा का सिलेबस की बताने से पहले मैं आप लोगो को एक बात बताना चाहता हूँ जिसे जानकर एक अध्यापक बनने की इच्छा जाग्रत होगी और अहसास होगा कि हमें अध्यापक क्यों बनना चाहिए और यह अन्य विभागों की नौकरी से ये क्यों बेहतर है तो चलिए जानते हैं |
दोस्तों अध्यापन एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें संतुष्टि और आराम दोनों प्राप्त होते हैं |रोजगार के अन्य क्षेत्रों की तुलना में एक अध्यापक को कम घंटे कार्य करना पड़ता है जबकि अन्य क्षेत्रों में प्रतिदिन 8 से 9 घंटे कार्य करना पड़ता है |काम के कम घंटे के साथ-साथ डेढ़ दो महीने का ग्रीष्मकालीन अवकाश एवं सभी राजपत्रित अवकाश भी मिलते हैं |इतनी सारी छुट्टियां और किसी विभाग क्षेत्र में नहीं मिलती हैं |
इस तरह काम के कम घंटे एवं अधिक अवकाश के कारण एक शिक्षक को अपने घर-परिवार एवं समाज के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है |
हमारे देश मे शिक्षक को अत्यधिक सम्मान की द्रष्टि से देखा जाता है|ये विद्यार्थियों के केवल गुरु ही नहीं बल्कि मार्गदर्शक एवं सलाहकार भी होते है |यही कारण है कि बच्चों के कैरियर निर्माण द्वारा देश की प्रगति में सीधा योगदान करने की भावना शिक्षकों को अपने कार्य के प्रति संतुष्टि प्रदान करती है |छठे एवं सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद शिक्षकों के वेतन में भी काफी वृद्दि हुई है |
इस तरह बेरोजगारी के इस दौर में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों में भी रोजगार की अपार सम्भावना के कारण सुरक्षित भविष्य, अच्छा वेतन एवं कार्य से संतुष्टि, घर परिवार के लिए पर्याप्त समय एवं समाज से मिलने वाले सम्मान ये सभी आकर्षण हैं इसी कारण कारण 12वीं, स्नातक एवं स्नातकोत्तर के बाद छात्र माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के स्वप्न को साकार करना चाहते हैं |
UPTET की संरचना व विषय वस्तु के बारे में
UPTET में सभी प्रश्न एक सही उत्तर के साथ चार विकल्प वाले बहुविकल्पीय प्रश्न होंगें,प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा |इस परीक्षा में नकारात्मक मूल्यांकन (Negative Marking) नहीं होगा |
UPTET की परीक्षा के दो पेपर होते हैं एक प्राथमिक स्तर एवं दूसरी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा
प्राथमिक स्तर की परीक्षा
द्वतीय स्तर की परीक्षा
UPTET प्रथम प्रश्न-पत्र प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5 तक के लिए )
क्रं संख्या |
विषय सूची |
प्रश्नों की संख्या |
अंक |
1. |
बाल विकास एवं शिक्षण विधि |
30 |
30 |
2. |
भाषा प्रथम (हिंदी) |
30 |
30 |
3. |
भाषा द्वतीय (अंग्रेजी अथवा उर्दू अथवा संस्कृत) |
30 |
30 |
4. |
गणित |
30 |
30 |
5. |
पर्यावरणीय अध्ययन |
30 |
30 |
|
कुल |
150 |
150 |
1.बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ (Child Development and Learning Methods)
बाल विकास -
- बाल विकास का अर्थ,आवश्यकता तथा क्षेत्र ,बाल विकास की अवस्थाएं शारीरिक विकास, मानसिक विकास, संवेगात्मक क्षमता का विकास
- स्रजनात्मक क्षमता का विकास
- बाल विकास के आधार एवं उनका उपभोगप्रभावित करने वाले कारक-वंशानुक्रम,वातावरण (पारिवारिक,सामाजिक,विद्यालयी,संचार माध्यम)
सीखने का अर्थ तथा सिद्धांत
- अधिगम (सीखने) का अर्थ,प्रभावित करने वाले करक, अधिगम की प्रभावशाली विधियाँ
- अधिगम के नियम,थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम एवं अधिगम में उनका महत्त्व
- अधिगम के प्रमुख सिद्धांत तथा कक्षा शिक्षण में इनकी व्यावहारिक उपयोगिता,थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत तथा कक्षा शिक्षण में इनकी व्यावहारिक उपयोगिता, थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत का सम्बद्ध प्रतिक्रिया का सिद्धांत, स्किनर का क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धांत, कोहलर का सूझ या अंतर्द्रष्टि का सिद्धांत,पियाजे का सिद्धांत,व्योगास्की का सिद्धांत, सीखने का वक्र -अर्थ एवं प्रकार,सीखने में पठार का अर्थ और कारण एवं निराकरण
शिक्षण एवं शिक्षण विधाएं
- शिक्षण का अर्थ तथा उद्देश्य सम्प्रेष,शिक्षण के सिद्धांत,शिक्षण के सूत्र,शिक्षण प्रविधियां, शिक्षण की नवीन विधाएं(उपागम), सूक्ष्म शिक्षण एवं शिक्षण के आधारभूत कौशल,समावेशी शिक्षा-निर्देश एवं परामर्श
- शैक्षिक समावेश से अभिप्राय,पहचान,प्रकार,निराकरणजैसे-अपवंचित वर्ग, भाषा, धर्म, जाति, क्षेत्र, वर्ण, लिंग, शरीरिक, दक्षता (द्रष्टिबधित,श्रवणबाधित एवं वाक्/अस्थिबाधित), मानसिक दक्षता
- समावेश के लिए आवश्यक उपकरण,सामग्री,विधियाँ,टी०एल०एम० एवं अभिवृत्तियां
- समावेशित बच्चों का अधिगम जांचने हेतु आवश्यक टूल्स एवं तकीनीकी
- समावेशित बच्चों के लिए विशेष शिक्षण विधियाँ जैसे -ब्रेल लिपि
- समावेशी बच्चों हेतु निर्देशन एवं परामर्श -अर्थ,उद्देश्य,प्रकार,विधियाँ आवश्याकता एवं क्षेत्र
- परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग/संस्थाएं :-मनोविज्ञानशाला उ०प्र० प्रयागराज,मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र,जिला चिकित्सालय,जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षित डायट सेंटर, पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण तंत्र, समुदाय एवं विद्यालय की सहयोगी समितियां, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन
- बाल-अधिगम में निर्देशन एवं परामर्श का महत्त्व
(ख)अधिगम और अध्यापन
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं,बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं
- अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं,बालकों की अधिगम कार्यनीतियाँ सामजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम,अधिगम के सामाजिक सन्दर्भ
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक 'वैज्ञानिक अन्वेषक' के रूप में बालक
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना,अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना |
- बोध और संवेदनाएं
- प्रेरणा और अधिगम
- अधिगम में योगदान देने वाले करक-निजी एवं पर्यावरणीय
2.भाषा -I हिंदी (Hindi)
- अपठित अनुच्छेद
- हिंदी वर्णमाला
- वर्णों केमेल स मात्रिक तथा अमात्रिकशब्दोंकीपहचान
- वाक्य रचना
- हिंदी की सभी ध्वनियों के पारस्परिक अंतर की जानकारी विशेष रूप से - ष, स, श, ब, व्, ढ, ड, ड़, क्ष, छ, ण तथा न की ध्वनियाँ
- हिंदी भाषा की सभी ध्वनियाँ,वर्णों,अनुस्वार,अनुनासिक एवं चन्द्रबिन्दु में अंतर
- संयुक्ताक्षर एवं अनुनासिक ध्वनियों के प्रयोग से बने शब्द
- सभी प्रकार की मात्राएँ|
- विराम चिन्हों जैसे-अल्प विराम,अर्धविराम,पूर्णविराम, प्रश्नवाचक, विस्मयबोधक, चिन्हों का प्रयोग
- विलोम, समानार्थी, तुकांत, अतुकांत, समान ध्वनियों वाले शब्द
- संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण के भेद
- वचन,लिंग एवं काल
- प्रत्यय,उपसर्ग,तत्सम,तद्भव व् देशज शब्दों की पहचान एवं उनमें अंतर
- लोकोक्तियाँ एवं मुहावरों के अर्थ
- संधि-(1) स्वर संधि (2) व्यंजन संधि ,(3) विसर्ग संधि
- वाच्य,समास,अलंकार के भेद
- कवियों एवं लेखकों की रचनाएँ
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के सम्प्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भुमिका पर निर्णायक संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियों,भाषा की कठिनाइयों,त्रुटियों और विकार
- भाषा कौशल
- भषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना,बोलना,सुनना,पढना और लिखना
- अध्यापन-अधिगम सामग्रियां,पाठ्यपुस्तक,मल्टी,मीडिया सामग्री,कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
3.भाषा -II (अंग्रेजी अथवा उर्दू अथवा संस्कृत- English or Urdu or Sanskrit)
- Unseen Passage
- The Sentence-(A) Subject and Predicate (B) Kinds of Sentences
- Parts of Speech-Kinds of Noun, Pronoun, Adverb, Adjective, Verb, Preposition
- Tenses- Present, Past, Future
- Articles
- Punctuation
- Word Formation
- Active and Passive Voice
- Singular and Plural
- Gender
- अपठित अनुच्छेद
- जबान की फन्नी महारतों की मालूमात
- मशहूर अदीबों एवं शायरों की हालाते जिन्दगी एवं उनकी रचनाओं की जानकारी
- मुखतलिफ असनाफे अदब जैसे -मजमून,अफसाना मर्सिया,मस्नाबी दास्तान बगैरह की तारीफ़ मअ,अमसाल
- सही इमला एवं तलफ्फुज की मश्क
- इस्म, जमीर, सिफत, मुत्जाद अल्फाज, वाहिद, जमा, मोज्क्कर, मोअन्नस बगैरह की जानकारी
- सनअते (तशबीह व इस्तआरा,तलमीह, मराअतुन्नजीर) बगैरह
- मुहावरे, जर्बुल अमसाल की मालूमात
- मखतलिफ समाजी मसायल जैसे माहौलियाती आलूदगी जिन्सी नाबरारी, नाख्वांदगी, तालीम बराएअम्न, अदमे,तगजिया, बगैरह की मालूमात
- नज्मों, कहानियों, हिकायतों एवं संस्मरणों में मौजूद समाजी एवं एखलाकी अकदार को समझना
- अपठित अनुच्छेद
- संज्ञाएँ- अकारांत पुल्लिंग, अकारांत स्त्रीलिंग, अकारांत नपुंसकलिंग, इकारांत स्त्रीलिंग, उकारांत पुल्लिंग, ऋकारान्त स्त्रीलिंग
- घर, परिवार,परिवेश,पशु,पक्षियों,घरेलु, उपययोग की वस्तुओं के संस्कृत नामों से परिचय
- सर्वनाम
- क्रियाएं
- शरीर के प्रमुख अंगों के संस्कृत शब्दों का प्रयोग
- अव्यय
- संधि सरल शब्दों की संधि तथा उनका विच्छेद (दीर्घ संधि )
- संख्याएं -संस्कृत में संख्याओं का ज्ञान
- लिंग, वचन, प्रत्याहार, स्वर के प्रकार, व्यंजन के प्रकार,अनुस्वार एवं अनुनासिक व्यंजन
- स्वर, व्यंजन एवं विसर्ग संधियाँ, समास, उपसर्ग,पर्यायवाची शब्द,विलोम शब्द,करक,प्रत्यय एवं वाच्य
- कवियों एवं लेखकों की रचनाएँ
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्ययन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका भाषा का कार्यतथा बालक इसे किस प्रकारएक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं |
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के सम्प्रेषण के लिए किसीभाषा के अधिगम में व्याकरण कीभूमिका पर निर्णय संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियों, भाषा की कठिनाइयाँ, त्रुटियाँ और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना, बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन-अधिगम सामग्रियां, पाठ्यपुस्तक, मल्टी मिडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्ययन
4. गणित (Math)
- संख्याए एवं संख्याओं का जोड़,घटाना,गुणा,भाग
- लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य
- भिन्नों का जोड़,घटाना,गुणा व् भाग
- दशमलव- जोड़, घटाना, गुणा एवं भाग
- एकिक नियम
- प्रतिशत
- लाभ-हानि
- साधारण ब्याज
- ज्यामिति-ज्यामितीय आकृतियाँ एवं प्रष्ठ कोण, त्रिभुज, वृत्त
- धन
- मापन-समय, तौल, धारिता, लबाई एवं ताप
- परिमित -त्रिभुज, आयत, वर्ग, चतुर्भुज
- कैलेंडर
- आंकड़े
- आयतन,धारिता,घन,घनाभ
- क्षेत्रफल-आयत, वर्ग
- रेलवे या बस समय-सारणी
- आकड़ों का प्रस्तुतीकरण एवं निरूपण
- (ख) अध्यापन सम्बन्धी मुद्दे :-
- गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति,बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नों तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना
- गणित की भाषा
- सामुदायिक गणित
- औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन
- शिक्षण की समस्याएं
- त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू
- नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण
5. पर्यावरणीय अध्ययन (विज्ञान, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र एवं पर्यावरण - Environmental Studies Science, History, Geogrophy, Civics and Environment)
- परिवार
- भोजन,स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
- आवास
- पेड़-पौधे एवं जंतु
- हमारा परिवेश
- मेला
- स्थानीय पेशे से जुड़े व्यक्ति एवं व्यवसाय
- जल
- यातायात एवं संचार
- खेल एवं खेल भावना
- भारत- नदियाँ, पर्वत, वन, यातायात, महाद्वीप एवं महासागर
- संविधान
- शासन व्यवस्था-स्थानीय स्वशासन ,ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, जिला-पंचायत, नगर पालिका, नगर-निगम, जिला प्रशासन, प्रदेश की न्याय व्यवस्था,व्यवस्थापिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका, राष्ट्रिय प्रतीक,मतदान, राष्ट्रीय एकता
- पर्यावरण-आवश्यकता एवं महत्व एवं उपयोगिता,पर्यावरण संरक्षण,पर्यावरण के प्रति सामाजिक दायित्व,पर्यावरण संरक्षण हेतु संचालित योजनायें
- पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति
- पर्यावरण अध्ययन का महत्त्व,एकीकृत पर्यवार्नीय अध्ययन
- पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यवार्नीय शिक्षा
- अधिगम सिद्धांत
- विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और सम्बन्ध
- क्रियाकलाप
- प्रयोग/व्यावहारिक कार्य
- चर्चा
- सततव्यापक मूल्यांकन
- शिक्षण सामग्री/उपकरण
- समस्याएं
Eligibility for UPTET Exam (Primary Level)
- Bachelor Degree in Any Stream With Passed/Appeared DELED (Final Year) Exam
- Bachelor Degree in any Stream with 50% Marks/Master Degree in any Subject with B.Ed. Degree (Pass /Appearing)
- Bachelor Degree in Any Stream with 45% Marks/Master Degree in Any Subject With B.Ed. Degree (Passed/Appearing) As Per NCTE Norms
- 10+2 Intermediate 50% Marks with 4 Year B.ELED
- Bachelor Degree in Any Stream with BTC Urdu/Special Degree.
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