Ozon layer Kya hai? Vayumandal par Ozon Parat ka prabhav

  ओजोन परत एक ऐसी परत है जो हमारे जीवन को सुरक्षा प्रदान करती है अंतरिक्ष से आने वाली पराबैंगनी  किरणों को अवशोषित करती है यदि ओजोन परत न होती तो सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के कारण धरती पर कैंसर जनित खतरनाक बीमारियाँ पैदा होती | ओजोन परत गैस से बनी एक परत है |ओजोन परत को 'प्रथ्वी का रक्षा कवच' माना जाता है| पर्यावरण से उत्पन्न होने वाली अनेक समस्याओं का निर्माण ओजोन क्षयीकरण का परिणाम है|

Ozon Parat
Ozon Layer

ओजोन ऑक्सीजन के तीन अणु मिलकर ओजोन गैस का निर्माण करते हैं| इसका रासायनिक सूत्र O3 होता है| यह हल्के नीले रंग की एक गैस होती है तथा इसकी गंध बहुत तीखी होती है| ओजोन एक प्रबल ऑक्सीकारक गैस होती है जो अत्यधिक सांद्रण होने पर धमाके के साथ विघटित होती है| ओजोन परत समताप मंडल में पायी जाती है|ओजोन का अधिकांश निर्माण उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के ऊपर होता है|

 वायुमंडल में ओजोन परत का वह क्षेत्र जहाँ पर जहां पर ओजोन नहीं पायी जाती है,ओजोन छिद्र कहलाता है| ओजोन छिद्र ओजोन परत के क्षयीकरण का परिणाम है| ओजोन के परत के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने का सर्वप्रथम प्रयास तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा वर्ष 1967 में छोड़े गए उपग्रहों द्वारा किया गया|

ओजोन परत का निर्माण (Formation of Ozon Layer)

ओजोन गैस का निर्माण ऑक्सीजन  के तीन अणु मिलने से होता है| ओजोन गैस के सांद्रण की ऊंचाई के विषय में पर्याप्त मतान्तर है | जैसा कि हम जानते हैं कि ओजोन वायुमंडल की हर ऊंचाई पर किसी न किसी मात्रा में अवश्य पाई जाती है लेकिन इसका सांद्रण सबसे ज्यादा १0 से 50 किमी की ऊंचाई के बीच पाया जाता है|ओजोन परत समतापमंडल में ज्यादा पायी जाती है |

ओजोन परत के क्षयीकरण का कारण (Cause of decay of Ozone Layer)

ओजोन परत का क्षरण CFC (Chloro Floro Carbon) गैस से होता है जो एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, कूलर आदि से निकलती है| CFC गैस में उपस्थित सक्रीय क्लोरीन ओजोन परत का क्षरण करती है|यह एक हैलोजनी गैस होती है|

आर्कटिक में भी वसंत ऋतु के समय ओजोन का ह्रास होता है| आर्कटिक समतापमंडल वसंत में जल्दी गर्म तथा ठंडा होता है तथा सूर्य की रोशनी में क्रांतिक अतिव्याप्ति का समय कम हो जाता है जोकि ओजोन क्षयीकरण के लिए अनुकूल परिस्थिति है|

ओजोन परत की मोटाई को डाबसन इकाई द्वारा मापा जाता है| इस परत में बादलों, धूल के कण, संवहनीय धाराओं, बिजली की कड़क आदि कुछ भी नहीं पाया जाता है| यहाँ पर वायु क्षैतिज दिशा में चलती है| 

ओजोन का जलवायु पर प्रभाव (Effect of Ozone on Climet)

ओजोन की कमी के कारण वायुमंडल में पराबैगनी विकिरण का अवशोषण कम हो जाता है जिसके कारण अधिक से अधिक मात्रा में पराबैगनी विकिरण धरातल पर पहुँचती हैं जिस कारण धरती का तापमान बढ़ जाता है तथा वायुमंडल को प्रभावित करता है| तापमान में वृद्धि होने के कारण हिमनदों एवं ग्रीनलैंड तथाअन्टार्कटिका पर बर्फ पिघल जायेगी नदियाँ सूख जायेंगी जिसके कारण सागर तल में वृद्दि हो जायेगी तथा सागर के किनारे का तटीय क्षेत्र जलमग्न हो जाएगा |

ओजोन परत की अल्पता तथा उसके क्षय की समस्या से  निपटने के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष प्रयास किये जा रहे हैं |

विएना संधि (Viyna treaty)

यह एक पर्यावरण को लेकर बहुपक्षीय समझौता था जो 1985 में वियना सम्मलेन में आयोजित हुआ| इस समझौते के बाद  बाद सन 1988 में इसे लागू किया गया था | 196 देशों द्वारा इसे मंजूर भी किया जा चुका है| 

मांट्रियल संधि (Montriyal Treaty)

ओजोन परत की क्षरण को रोकने के लिए 1987 में 24 देशों के प्रतिनिधियों ने मॉन्ट्रियल में सभा आयोजित की | ओजोन परत के क्षरण के कारकों पर मॉन्ट्रियल संधि को इतिहास में सबसे सफल अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संधि के रूप में माना गया | वर्तमान में इस संधि से 197 देश जुड़े हैं |  

ओजोन संरक्षण में भारत की भूमिका (India's role in Ozone Conservation )

भारत वियना समझौते में 18 मार्च 1991 को तथा मॉन्ट्रियल समझौते में 19 जून को शामिल हुआ था| वियना और मॉन्ट्रियल समझौता का हिस्सा  बनने के बाद भारत ओजोन परत के संरक्षण से जुड़ी वैश्विक चिंताओं में भागीदारी निभाते हुए ओजोन को प्रभावित करने वाले पदार्थों पर कटौती में अहम् भूमिका निभा रहा है | वर्ष 1993 से समझौते से जुड़े सभी पक्षों,उद्योगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के सक्रीय सहयोग  के जरिये भारत सन 2010 के बाद से CFC, CTC, हैलोजन के उपयोग को लगभग पूरी तरह खत्म कर दिया है | 

ओजोन दिवस (Ozone day)

23 जनवरी 1995 को संयुक्त  राष्ट्र संघ द्वारा पूरे विश्व में ओजोन संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 16 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव  पारित किया गया | उस समय पूरे विश्व में 2010 तक लक्ष्य रखा गया कि ओजोन मित्र वातावरण बनाया जाए | जबकि यह लक्ष्य अभी भी पूरा नहीं हो सका है | यह तिथि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की याद में 16 सितम्बर में मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया| 

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