द्वतीय प्रश्नपत्र उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8 तक के लिए )
UPTET में सभी प्रश्न एक सही उत्तर के साथ चार विकल्प वाले बहुविकल्पीय प्रश्न होंगें,प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा |इस परीक्षा में नकारात्मक मूल्यांकन (Nigative Marking) नहीं होगा |
UPTET Paper II |
परीक्षा की अवधि 2:30 घंटे अर्थात कुल 150 मिनट की होगी जिसमें कुल प्रश्नों की संख्या 150 होगी |
क्रं संख्या |
विषय सूची |
प्रश्नों की संख्या |
अंक |
1. |
बाल विकास एवं शिक्षण विधि |
30 |
30 |
2. |
भाषा प्रथम (हिंदी) |
30 |
30 |
3. |
भाषा द्वतीय (अंग्रेजी अथवा उर्दू अथवा संस्कृत) |
30 |
30 |
4. |
(क) गणित एवं विज्ञान शिक्षक के लिए गणित/विज्ञान (ख) सामाजिक अध्ययन या सामाजिक विज्ञान शिक्षक के लिए सामाजिक अध्ययन |
60 |
60 |
|
कुल |
150 |
150 |
पेपर II उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8 तक के लिए )
1.बाल विकास एवं शिक्षण विधियां
- बाल विकास का अर्थ,आवश्यकता तथा क्षेत्र,बाल विकास की अवस्थाएं शारीरिक विकास, मानसिक विकास, संवेगात्मक विकास, भाषा विकास-अभिव्यक्ति क्षमता का विकास, स्रजनात्मक, विद्यालयी, संचार माध्यम |
- बाल विकास के आधार एवं उनको प्रभावित करने वाले करक-वंशानुक्रम, वातावरण (पारिवारिक,सामाजिक, विद्यालयी, संचार माध्यम )
सीखने का अर्थ तथा सिद्धांत
- अधिगम(सीखने ) का अर्थ प्रभावित करने वाले कारक,अधिगम की प्रभावशाली विधियाँ |
- अधिगम के नियम-थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम एवं अधिगम में उनका महत्त्व |
- अधिगम के प्रमुख सिद्धांत,पैवलव का सम्बन्ध प्रतिक्रिया का सिद्धांत,स्किनर का क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धांत सीखने का वक्र अर्थ एवं प्रकार,सीखने में पठार का अर्थ और कारण एवं निराकरण |
शिक्षण एवं शिक्षण विधाएं
- शिक्षण का अर्थ तथा उद्देश्य,सम्प्रेषण,शिक्षण के सिद्धांत,शिक्षण के सूत्र,शिक्षण प्रविधियां,शिक्षण की नवीन विधाएं (उपागम,सूक्ष्म शिक्षण एवं शिक्षण के आधारभूत कौशल )
समावेशी शिक्षा-निर्देशन एवं परामर्श
- समावेशन केलिए आवश्यक उपकरण,सामग्री, विधियाँ, टी० एल० एम्० एवं अभिवृत्तियां |
- शैक्षिक समावेशन से अभिप्राय, पहचान, प्रकार, निराकरण, जैसे - अपवंचित वर्ग, भाषा,धर्म, जाति,क्षेत्र, वर्ण, लिंग, शारीरिक दक्षता(द्रष्टिबाधित, श्रवणबधितं एवं वाक्/अस्थि बाधित)
- समावेशित बच्चों का अधिगम जांचने हेतु आवश्यक टूल्स एवं तकनीकी |
- समावेशित बच्चों के लिए विशेष शिक्षण विधियाँ जैसे- ब्रेल लिपि |
- समावेशित बच्चों हेतु निर्देशन एवं परामर्श -अर्थ,उद्देश्य, प्रकार, विधियाँ, आवश्यकता एवं क्षेत्र |
- परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग/संस्थाए
- मनोविज्ञानशाला उ०प०,प्रयागराज
- मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र (मंडल स्तर पर)
- जिला चिकित्सालय
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षत डायट सेंटर |
- पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण तंत्र
- समुदाय एवं विद्यालय की सहयोगी समितियां
- सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन |
- बाल-अधिगम में निर्देशन एवं परामर्श का महत्त्व
(ख) अध्ययन और अध्यापन :
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं, बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं |
- शिक्षण और अधिगम कीबुनियादी प्रक्रियाएं,बालकों की अध्ययन कार्यनीतियाँ,सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम,अधिगम के समाजिक सन्दर्भ |
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेशक के रूप में बालक |
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना,अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कारणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना |
- बोध और संवेदनाएं |
- प्रेरणा और अधिगम |
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक -निजी एवं पर्यावरणीय |
2.भाषा -I हिंदी
(क) विषय वस्तु
- अपठित अनुच्छेद |
- संज्ञा एवं संज्ञा के भेद |
- सर्वनाम एवं सर्वनाम के भेद |
- विशेषण एवं विशेषण के भेद |
- क्रिया एवं क्रिया के भेद |
- वाच्य-कर्तवाच्य,कर्मवाच्य,भाववाच्य |
- हिंदी भाषा की समस्त,ध्वनियाँ, संयुक्तक्षरों,संयुक्त व्यंजनों एवं अनुस्वार एवं चन्द्रबिंदु में अंतर |
- वर्णक्रम,पर्यायवाची,विपरीतार्थ, अनेकार्थक, समानार्थी शब्द |
- अव्यय के भेद |
- अनुस्वार, अनुनासिक का प्रयोग |
- 'र' के विभिन्न रूपों का प्रयोग |
- वाक्य निर्माण (सरल,संयुक्त एवं मिश्रित वाक्य)
- विराम चिन्हों की पहचान एवं उपयोग |
- वचन,लिंग एवं काल का प्रयोग |
- तत्सम.तदभव, देशज एवं विदेशज शब्द |
- उपसर्ग एवं प्रत्यय |
- शब्द युग्म |
- समास,समास विग्रह एवं समास के भेद |
- मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ |
- क्रिया सकर्मक एवं अकर्मक |
- संधि एवं संधि के भेद (स्वर, व्यंजन एवं विसर्ग संधियाँ)
- अलंकार (अनुप्रास, यमक,श्लेष, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा,अतिश्योक्ति)
(ख) भाषा विकास का अध्यापन :
- अधिगम अर्जन |
- भाषा अध्यापन केसिद्धांत |
- सुनने और बोलने की भूमिका, भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं |
- मौखिक लिखित रूप में विचारों के सम्प्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित सन्दर्भ|
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियों भाषा की कठिनाइयाँ,त्रुटियाँ और विकार |
- भाषा कौशल |
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना , बोलना, सुनना, पढना और लिख्नना |
- अध्यापन- अधिगम सामग्रियां,पाठ्यपुस्तक,मल्टी मिडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन |
- उपचारात्मक अध्यापन |
3.भाषा -II (अंग्रेजी अथवा उर्दू अथवा संस्कृत )
ENGLISH
- Unseen Passage
- Noun and its Kinds
- Pronoun and its Kinds
- Verbs and its Kinds
- Adjective and its Kinds &Degrees
- Adverb and its Kinds & Degrees
- Preposition and its kinds
- Conjuction and its Kinds
- Intersection
- Singular and Plural
- Subject and Predicate
- Negative and feminine Gender
- Punctuations
- Suffix with Root words
- Phrasal Verb
- Use of Somebody,Nobody,Anybody
- Part of Speech
- Narration
- Active Voice and Passive Voice
- Anyonyms & Synonyms
- Use of Homophones
- Use of request in Sentences
- Silent Letters in Words
IV. भाषा -II
(क) विषय-वस्तु
- अपठित अनुच्छेद
- जवान की फन्नी महार्तों की जानकारी
- मुखतलिफ,असनाफे,अदब,गजल,कसीदा,मर्सिया,मसगनी,गीत बगैरह की समझ एवं उनके फर्क को समझना
- मुख्तलिफ शायरों, अदीबों की हालतें जिन्दगी में वाकफियत एवं उनकी तसानीफ़ की जानकारी हासिल करना |
- मुल्क की मुश्तरका तहजीब में उर्दू की खिदमत और अहमियत से वाकफियत हासिल करना |
- इस्म व उसके अकसाम से वाकफियत हासिल करना |
- सनअतों की जानकारी होना |
- सियासी, समाजी एक एख्लकी मसाइल के तई बेदार होना और उस पर अपना नजरिया वाजे रखना |
V. भाषा -II संस्कृत
(क) विषय-वस्तु
- अपठित अनुच्छेद
- संधि-स्वर,व्यंजन
- अव्यय
- समास
- लिंग,वचन एवं काल का प्रयोग |
- उपसर्ग
- पर्यायवाची
- विलोम
- कारक
- अलंकार
- प्रत्यय
- वाच्य
- संज्ञाएँ-सभी शब्दों की सभी विभक्ति एवं वचनों के रूपों का ज्ञान |
- सर्वनाम
- विशेषण
- धातु
- संख्याएं
(ख) भाषा विकास का अध्यापन
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका,भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग कर सकते हैं |
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के सम्प्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक सन्दर्भ |
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां,भाषा की कठिनाइयाँ,त्रुटि और विकार |
- भाषा कौशल |
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना,बोलना,सुनना, पढ़ना और लिखना|
- अध्यापन-अधिगम सामग्री,पाठ्यपुस्तक, मल्टीमिडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन |
- उपचारात्मक अध्यापन |
4.गणित एवं विज्ञान
1.गणित
(क) विषय-वस्तु :
- प्राकृतिक संख्याएं,पूर्ण संख्याएं,परिमेय संख्याएं |
- पूर्णांक,कोष्ठक,लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्तक
- वर्गमूल
- घनमूल
- सर्वसमिकाएँ
- बीजगणित, अवधारणा, चर संख्याएं, अचर संख्याएं, चर संख्याओं की घात |
- बीजीय व्यंजकों का जोड़,घटाना,गुणा एवं भाग, बीजीय व्यंजकों के पद एवं पदों के गुणांक |
- युगपत समीकरण, वर्ग समीकरण, रेखीय समीकरण |
- समांतर संख्याएं
- वृत्त और चक्रीय चतुर्भुज
- वृत्त की स्पर्श रेखाएं |
- वाणिज्यिक गणित- अनुपात, समानुपात, प्रतिशतता,लाभ हानि,साधारण ब्याज,चक्रवृद्धि ब्याज,कर,वस्तु विनिमय प्रणाली |
- बैंकिंग- वर्तमान मुद्रा, बिल तथा कैशमेमो|
- सांख्यिकी-आकड़ों का वर्गीकरण,पिक्टोग्राफ,माध्य, मध्यिका एवं बहुलक, बारंबारता |
- पाई एवं दंड चार्ट. अवर्गीकृत आकड़ों का चित्र |
- सम्भावना ग्राफ, दंड आरेख तथा मिश्रित दंड आरेख |
- कार्तीय तल |
- क्षेत्रमिति (मेंसुरेशन)
- घातक
- गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति
- पाठ्यचर्या में गणित कास्थान |
- गणित की भाषा |
- सामुदायिक गणित
- मूल्यांकन |
- उपचारात्मक शिक्षण
- शिक्षण की समस्याएं
(क) विषय वस्तु
- दैनिक जीवन में विज्ञान, महत्वपूर्ण खोज, महत्त्व, मानव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी |
- रेशे एवं वस्त्र,रेशों से वस्त्रों तक \
- सजीव, निर्जीव पदार्थ- जीव जगत, सजीवों का वर्गीकृत, जंतु एवं वनस्पति के आधार पर पौधों का वर्गीकरण एवं जन्तुओं का वर्गीकरण, जीवों में अनुकूलान, जंतुओं एवं पौधों में परिवर्तन |
- जंतु की संरचना व् कार्य |
- सूक्ष्म जीव एवं उनका वर्गीकरण |
- कोशिका से अंगतंत्र तक |
- किशोरावस्था,विकलांगता
- भोजन,स्वास्थ्य एवं रोग, फसल उत्पादन, नाइट्रोजन चक्र |
- जंतुओं में पोषण |
- पौधों में पोषण, जनन, लाभदायक जंतु |
- मापन |
- विद्युत धारा |
- चुम्बकत्व |
- गति, बल एवं यंत्र,ऊर्जा|
- कंप्यूटर
- ध्वनि,स्थिर विद्युत,प्रकाश एवं प्रकाश यंत्र |
- वायु-गुण, संघटन आवश्यकता, उपयोगिता, ओजोन परत, हरित गृह प्रभाव |
- जल- आवश्यकता.उपयोगिता, स्रोत,गुण, प्रदूषण, जल-संरक्षण |
- पदार्थ,पदार्थों के समूह,पदार्थों का प्रथक्करण, पदार्थ की संरचना एवं प्रकृति |
- पास-पड़ोस में होने वाके परिवर्तन, भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन |
- अम्ल, क्षार, लवण |
- ऊष्म एवं ताप |
- मानव निर्मित वस्तुएं, प्लास्टिक, कांच, साबुन, मृतिका|
- खनिज एवं धातु |
- कार्बन एवं उसके यौगिक|
- उर्जा के वैकल्पिक स्रोत |
(ख) अध्यापन सम्बन्धी मुद्दे :-
- विज्ञान की प्रकृति और संरचना |
- प्राकृतिक विज्ञान/लक्ष्य और उद्देश्य |
- विज्ञान को समझना और उसकी सराहना करना |
- द्रष्टिकोण/एकीकृत द्रष्टिकोण |
- प्रेक्षण/प्रयोग,अन्वेषण |
- अभिनवता |
- पाठ्यचर्या सामग्री /सहायक सामग्री |
- मूल्यांकन
- समस्याएं |
- उपचारात्मक शिक्षण |
(vii) सामाजिक अध्ययन व् अन्य
(क) विषय वस्तु :-
I.इतिहास
- इतिहास जानने के स्रोत |
- पाषाणकालीन संस्क्रति, ताम्र पाषणिक संस्कृति, वैदिक संस्कृति \
- छठी शताब्दी ई०पू० का भारत |
- भारत के प्रारंभिक राज्य |
- भारत में मौर्य साम्राज्य की स्थापना|
- मौर्यत्तरकालीन भारत, गुप्त काल,राजपूतकालीन भारत, पुष्यभूति वंश, दक्षिण भारत के राज्य |
- इस्लाम का भारत में आगमन |
- दिल्ली सल्तनत की स्थापना,विस्तार,विघटन |
- मुग़ल साम्राज्य |
- यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन एवं अंग्रीजी राज्य की स्थापना |
- भारत में कंपनी राज्य का विस्तार |
- भारत में नवजागरण, भारत में राष्ट्रवाद का उद्देश्य |
- स्वाधीनता आन्दोलन, स्वतंत्रता प्राप्ति, भारत विभाजन|
- स्वतन्त्र भारत की चुनौतियाँ |
- हम और हमारा समाज |
- ग्रामीण एवं नागरिक समाज व् रहन सहन |
- ग्रामीण व नगरीय स्वशासन |
- जिला प्रशासन |
- हमारा संविधान |
- यातायात सुरक्षा |
- केन्द्रीय व राज्य शासन व्यवस्था |
- भारत में लोकतंत्र |
- देश की सुरक्षा एवं विदेश नीति |
- वैश्विकसमुदाय एवं भारत |
- नागरिक सुरक्षा |
- दिव्यान्गता |
III.भूगोल
- सौरमंडल में प्रथ्वी - प्रथ्वी पर स्थानों का निर्धारण,प्रथ्वी की गतियां |
- मानचित्र, प्रथ्वी के चार परिमंडल, स्थल मंडल-प्रथ्वी की संरचना, प्रथ्वी के प्रमुख स्थलरुप |
- विश्व में भारत, भारत का भौतिक स्वरूप, मृदा, वनस्पति एवं वन्य जीव, भारत की जलवायु, भारत के आर्थिक संसाधन, यातायात, व्यापार एवं संचार |
- उत्तर प्रदेश- भारत में स्थान, राजनितिक विभाग
- धरातल के रूप, बदलने वाले कारक |
- वायुमंडल, जलमंडल |
- संसार के प्रमुख प्राकृतिक, प्रदेश एवं जनजीवन |
- खनिज संसाधन, उद्योग-धंधे |
- आपदा एवं आपदा प्रबंधन |
IV.पर्यावरणीय अध्ययन
- पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन एवं उनकी उपयोगिता |
- प्राकृतिक संतुलन |
- संशाधनों का उपयोग |
- जनसँख्या वृद्धि का पर्यावरण पर प्रभाव,पर्यावरण प्रदूषण |
- अपशिष्ट प्रबंधन,आपदाएं, पर्यावरणविद्ध, पर्यावरण के क्षेत्र में पुरस्कार, पर्यावरण दिवस,कैलेण्डर |
- स्वास्थ्य एवं स्वच्छता |
- पोषण, रोग एवं उनसे बचने के उपाय, प्राथमिक उपचार |
- खाद्य पदार्थ का सरंक्षण |
- प्रदूषण |
- पाचन सम्बन्धी रोग एवं सामान्य बीमारियाँ |
- गृह प्रबंधन,सिलाई कला, धुलाई कला, बुनाई कला, कढ़ाई कला |
VI.शारीरिक शिक्षा एवं खेल
- शारीरिक शिक्षा,व्यवसाय,योग एवं प्राणायाम |
- माचिंग,एवं राष्ट्रीय खेल एवं पुरस्कार |
- छोटे एवं मनोरजनात्मक खेल,अन्तराष्ट्रीय खेल |
- खेल और हमारा भोजन |
- प्राथमिकचिकित्सा |
- नशीले पदार्थों के दुष्परिणाम एवं उनसे बचाव का उपाय, खेलकूद, खेल प्रबंधन एवं नियोजन का महत्त्व|
VII.संगीत
- स्वर ज्ञान |
- राग परिचय|
- संगीत में लय एवं ताल का ज्ञान|
- तीव्र माध्यम वाले राग |
- वंदना गीत/झंडा गान |
- देशगान,देशगीत, भजन-वनसंरक्षण/वृक्षारोपण,क्रियात्मक गीत |
VIII.उद्यान विज्ञान एवं फल संरक्षण
- मिटटी,मृदा गठन,भू-परिष्करण, यंत्र, बीज, खाद उर्वरक |
- सिचाई, सिचाई के यंत्र |
- बाग़ लगाना, विद्यालय वाटिका |
- झाड़ी एवं लताएँ, शोभा वाले पौधे, मौसमी फूल की खेती, फलों की खेती,शाक वाटिका, सब्जियों की खेती |
- प्रवर्धन, कायिक प्रवर्धन |
- फल परीक्षण,फल संरक्षण जैसे-जैली,सॉस,अचार,बनाना |
- जलवायु विज्ञान |
- फसल चक्र |
सामाजिक अध्ययन की अवधारणा औरपद्धति
- कक्षा कीप्रक्रियाएं, क्रियाकलाप और व्याख्यान |
- विवेचित चिंतन का विकास करना|
- पूछताछ/अनुभवजन्य साक्ष्य |
- सामाजिक विज्ञान/सामाजिक अध्ययन पढ़ाने की समस्याएं |
- प्रोजेक्ट कार्य|
- मूल्यांकन |
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