भारत की प्राकृतिक वनस्पति | Natural Vegetation of India General Knowledge in Hindi

 प्राकृतिक वनस्पति(Natural Vegetation) का अर्थ उस पौधे समुदाय से है जो काफी समय तक बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के उगता है इसमें मनुष्यों द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं की जाती है| प्राकृतिक वनस्पति में पायी जाने वाली विभिन्न प्रजातियां  जलवायु परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढाल लेती हैं| 

Bharat Ki Prakratik vanaspati
Bharat ki prakratik Vanaspati
भारत में जलवायु की द्रष्टि से काफी विभिन्नता पायी जाती है जिसके कारण यहाँ पर विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति का विकास हुआ है|

ये वनों के प्रकार तापमान, वर्षा, आर्दता, मिट्टी, समुद्र तल से ऊंचाई आदि पर निर्भर करते हैं| 

भारतीय वनों को हम निम्न भागों में बांटकर पढेंगे|

  1. उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन 
  2. उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती या मानसूनी वन 
  3. उष्ण कटिबंधीय शुष्क वन 
  4. मरुस्थलीय वन 
  5. डेल्टाई वन 
  6. पर्वतीय वन  

 उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन

  • उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों में रबड़, महोगनी, एबोनी, नारियल, बांस बेंत आदि होते हैं|
  • ये वन भारत के उत्तर पूर्वी भाग एवं पश्चिमी ढाल में पाए जाते हैं|
  • इस प्रकार के वन उस स्थान पर पाए जाते हैं जहाँ पर वर्षा औसतन 200 सेमी से अधिक होती है |
  • उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों  का औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है|
  • उच्च आर्दता एवं तापमान के कारण ये वन बड़े एवं सघन तथा ऊँचे होते हैं|
  • सदाबहार वनों की ऊंचाई लगभग 30 से 40 मी. होती है|
  • सदाबहार वनों की  लकड़ियाँ कड़ी होने के कारण आर्थिक द्रष्टि से ज्यादा महत्त्व नहीं होता है| 

 उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती या मानसूनी वन

  • उष्ण कटिबंधीय वन देश के 25% वन क्षेत्र पर  विस्तृत हैं| इनका विस्तार मुख्य रूप से गंगा के मध्य एवं निचली घाटियों, पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडीशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा केरल के कुछ भाग पर पाया जाता है
  • उष्ण कटिबंधीय वनों में प्रमुख वृक्ष साल, सागौन, शीशम, चन्दन, आम आदि होते हैं |
  • उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन 100 से 200 सेमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं|
  • उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वनों के अधिकांश वृक्ष गर्मियों से पहले 6 से 8 सप्ताह के लिए अपनी पत्तियां गिरा देते हैं|
  • ये वन लगभग 30 से 40 सेमी लम्बे होते हैं| 

 उष्ण कटिबंधीय शुष्क वन

  • उष्ण कटिबंधीय वनों का विस्तार महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्णाटक तथा तमिलनाडु के अधिकांश भाग, पश्चिम तथा उत्तरी मध्य प्रदेश एवं हरियाणा तक है|
  • उष्ण कटिबंधीय वनों में मुख्यता शीशम, बबूल, कीकर, चन्दन, आम, महुआ आदि आते हैं|
  • उष्णकटिबंधीय 50 से 100 सेमी वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं|
  • अधिकांश वृक्षों की जड़ें लम्बी तथा मोटी होती हैं|
  • ये वन आर्थिक रूप से काफी उपयोगी होते हैं|

 मरुस्थलीय वन 

  • मरुस्थलीय वनों का विस्तार राजस्थान, दक्षिण पश्चिमी पंजाब तथा उत्तरी गुजरात के कच्छ का ऋण क्षेत्र तक है|
  • मरुस्थलीय वन प्रदेश में वर्षा 50 सेमी से भी कम होती है|
  • यहाँ के वनों में पत्तियां छोटी तथा जड़ें गहरी होती हैं|
  • इस प्रकार के वनों से हमें ईधन की लकड़ियाँ प्राप्त होती हैं|

 डेल्टाई वन 

  • इस प्रकार की वनस्पति समुद्र तट के किनारे डेल्टाई भागों में पायी जाती है| 
  • गंगा ब्रम्हपुत्र डेल्टा एवं कृष्णा, महानदी, गोदावरी आदि नदियों के डेल्टाई भाग में इसका विस्तार है|
  • यहाँ के वृक्षों की लम्बाई 30 मीटर तक होती है एवं सदैव हरे- भरे होते हैं|
  • डेल्टाई वनों में प्रमुखतः नारियल, ताड़, बेत, सेनोरीटा आदि आते हैं|
  • यहाँ की मिट्टी दलदलीय होने के कारण वृक्षों की जड़ें जटाओं की तरह होती हैं और तने ऊपर की ओर उठे हुए होते हैं|

 पर्वतीय वन 

  • हिमालय क्षेत्र में वनस्पति के विस्तार का ऊंचाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव है|
  • पर्वतीय वन क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय वनस्पति से लेकर टुंड्रा वनस्पति की पेटियां पायी जाती हैं| 
दोस्तों हिमालय क्षेत्र की वनस्पतियों को हम दो भागों में बांटकर पढ़ते हैं|
  1. पूर्वी हिमालयी क्षेत्र की वनस्पति 
  2. पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र की वनस्पति 

पूर्वी हिमालयी क्षेत्र की वनस्पति 

पूर्वी हिमालय क्षेत्र में कई प्रकार की वनस्पतियाँ पायी जाती हैं|
  1. उष्ण कटिबंधीय आर्द पर्णपाती वन :- इन वनों का विस्तार  900 मी. उंचाई तक होता  है|इसमें साल शीशम, सागवान, बांस आदि आते हैं|
  2. उपोष्ण वनस्पति :- इन वनस्पतियों की ऊंचाई 900 से 1830 मी. तक होती है| इसमें ओक, चेस्टनट आदि पाए जाते हैं|
  3. शीतोष्ण वनस्पति :- शीतोष्ण वनस्पति लगभग 900 से 1830 मी. उंचाई तक पायी जाती है| इस पेटी में ओक, बर्च, मैपिल, लारेल, मैग्नेलिया, एल्डर आदि वनस्पतियाँ पायी जाती हैं|
  4. शीत-शीतोष्ण वनस्पति :- ये वनस्पति 2740 मी.से लेकर 3660 मी. ऊंचाई तक होती है| यहाँ केज्यादातर शंकुधारी होते हैं| इस पेटी में चीड़, स्प्रूस, देवदार जैसी नुकीली पतियों वाले वृक्ष पाए जाते हैं|
  5. अल्पाइन वनस्पति :- ये वनस्पति 3660 मी. से लेकर 4876 मी उंचाई  तक होती है|
  6. टुंड्रा वनस्पति :- टुंड्रा वनस्पति का विस्तार 4876 मी. से लेकर 5100 मी. ऊंचाई तक होती है|

पश्चिमी हिमालय क्षेत्र की वनस्पति 

पश्चिमी हिमालय शुष्क एवं ठंडा होने के कारण पूर्वी हिमालय की वनस्पतियों से बिलकुल भिन्न है|
पश्चिमी हिमालय में परजीवी पौधों एवं फर्न का अभाव पाया जाता है|
पश्चिमी क्षेत्र में मुख्यतः शुष्क सवाना वनस्पति का विस्तार विशाल क्षेत्र में देखने को मिलता है|
ऊंचाई के आधार पर पश्चिमी हिमालय की वनस्पतियों के बारे में पढ़ने का प्रयास करेंगे|
  1. उपोष्ण कटिबंधीय वनस्पति :- इन वनस्पतियों का विस्तार 1520 मी. ऊंचाई तक होता है|
  2. शीतोष्ण कटिबंधीय वनस्पति :- शीतोष्ण वनस्पतियां 1520 मी. से 3660 मी. ऊंचाई तक होती है|
  3. मिश्रित वनस्पति :- मिश्रित वनस्पति 3680 से 4570 मी. तक की उंचाई पर पायी जाती है|

महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

नीचे आपको प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation of India)से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर दिए गए हैं आपको इन्हें जरूर पढना चाहिए|

1.भारत में मेग्रोव वन कहाँ पर पाए जाते हैं?  -o बंगाल (Imp)

2. पश्चिमी घाट में किस प्रकार की वनस्पति पायी जाती है?  -सदाहरित वनस्पति 

3. नीलगिरी की पहाड़ियों पर किस प्रकार की वनस्पति पायी जाती है?     -उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन 

4.सुंदरवन का डेल्टा किसे कहा जाता है?  -गंगा-ब्रम्हपुत्र (Imp)

5.भारत में चन्दन की लकड़ी कहाँ पर सबसे अधिक मात्रा में पायी जाती है? -कर्नाटक 

6. भारत की प्रमुख वनस्पति कौन सी है? -पतझड़ी 

7.तेंदू के पत्ते उत्पादित करने वाला प्रमुख राज्य कौन सा है? -मध्य-प्रदेश  

8.शहतूत का उत्पादन करने वाला प्रमुख राज्य कौन सा है? -कर्नाटक 

9. उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन किन पहाड़ियों पर पाए जाते हैं? -नीलगिरी की पहाड़ियां 

10. फूलों की घाटी कहाँ पर पायी जाती है? -उत्तराखंड (Imp)

11. शांत घाटी कहाँ स्थित है? -केरल (Imp)

12. भारत की वन निति के आधार पर कितने प्रतिशत भाग पर वन होना चाहिए? -33%

13. भारत में सागौन के वृक्ष सबसे ज्यादा कहाँ पर पाए जाते हैं? -मध्य प्रदेश 

14. प्रकृति का आतंकवाद किस पेड़ को कहा जाता है? -यूकेलिप्टस (Imp)

15. प्रतिशत की द्रष्टि से सबसे अधिक वनों वाला राज्य कौन सा है? -मिजोरम 

16. भारतीय वानस्पतिक सर्वेक्षण का मुख्यालय कहाँ पर स्थित है? -कोलकाता  

17. भारत में काजीरंगा नेशनल पार्क कहाँ पर स्थित है? -असम 

18. भारत में बब्बर शेर कहाँ पाए जाते हैं? -गुजरात 

19. जिम कार्बेट नेशनल पार्क कहाँ पर स्थित है? -उत्तराखंड (Imp)

20. नंदा देवी जीव आरक्षित क्षेत्र कहाँ पर है? -उत्तराखंड 


दोस्तों मैं आपके साथ एक महत्वपूर्ण बात शेयर करना चाहता हूँ, आज के वर्तमान समय में मानव जाति प्राकृतिक वनस्पति के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है, पेड़ो की कटाई और वनों को जलाने से हमारी प्रकृति का विनाश हो रहा है| प्रकृति को बचाने के लिए सरकार एवं संस्थाओं द्वारा लगातार वन महोत्सव, चिपको आन्दोलन और सामाजिक वानिकी जैसे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं| ऐसी स्थित में हमें अपनी प्रकृति को बचाने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए हर घर, सड़क, नदियों के किनारे हमें पेड़ लगाने चाहिए तथा लगे हुए पेड़, वनस्पति को बचाए रखने का हमारा कर्तव्य होना चाहिए जिससे हमारी आगे आने वाली समाज भी खुशहाल जीवन जी सके और प्रकृति के साथ आनंद का अनुभव कर सके क्योंकि आज हमारी प्रकृति हैं तभी आज हम सभी इस धरती पर जीवित हैं|

उम्मीद है ये पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा होगा और कुछ सीखने को मिला होगा ऐसे ही अगर आप और पोस्ट चाहते हैं तो हमें कमेन्ट बॉक्स में बताएं| हम आपकी सफलता को प्राप्त कराने में पूरा प्रयास करेंगे|

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