ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) एक प्रोग्राम होता है जो User तथा Hardware के बीच Interface का काम करता है ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) के बिना हम Computer को ऑपरेट नहीं कर सकते हैं इसलिए ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कि कंप्यूटर के अन्य भागों का नियंत्रण करता है| यह एक ऐसा environment बनाता है जिसमें User अपनी Capability से एवं सुविधानुसार प्रोग्राम को execute करता है | Technical शब्द में अगर बात करें तो ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) एक ऐसा Software होता जो Hardware को Manage करता है, वह अलग-अलग स्रोतों एवं सेवाओं जैसे Memory, Processor, Device, Information के आवंटन का नियंत्रण करता है|
परिभाषा के रूप में अगर बात करें तो - "ऑपरेटिंग सिस्टम एक प्रोग्राम होता है जो यूजर तथा कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच का कार्य करता है तथा सभी प्रकार के प्रोग्राम के execution का नियंत्रण करता है|"
Operating System |
कंप्यूटर के Hardware Resource जैसे- Memory, Processor तथा Input-Output Devices को व्यवस्थित करने के लिए बनाया गया| System Software ही Operating System होता है| यह व्यवस्थित रूप से Design Software का ग्रुप होता है जो कि डेटा एवं निर्देशों को Control करता है|
कंप्यूटर के जितने भी Resources हैं उनकी स्थित का लेखाजोखा Operating System ही रखता है, किसका, कब और कितनी देर के लिए रिसोर्स पर नियंत्रण रखना है ये सब काम ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता है|
इसके अलावा भी ये Hardware एवं Software के बीच एक ब्रिज का कार्य भी करता है | ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना कंप्यूटर का अपने आप में कोई अस्तित्व ही नहीं है | यदि ऑपरेटिंग सिस्टम न हो तो कंप्यूटर अपने Hardware जैसे- Key-board, Monitor, CPU के बीच कभी कोपेरेट ही नहीं करेगा|
ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना हम कंप्यूटर को स्टार्ट ही नहीं कर सकते हैं| कंप्यूटर को स्टार्ट करने की जिम्मेदारी ऑपरेटिंग सिस्टम की होती है|
Input Component से आने वाले Input को पहचानना, फाइल को Track करना, Resources का आवंटन करना ये सारा काम Operating System करता है|
ऑपरेटिंग सिस्टम के मुख्य कार्य (Main work of Operating System)
ऑपरेटिंग सिस्टम काफी सारे काम करता है यहाँ पर हम कुछ प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किये जाने वाले कार्य के बारे में बात करेंगे|
- मेमोरी मैनेजमेंट
- प्रोसेसर मैनेजमेंट
- डिवाइस मैनेजमेंट
- फाइल मैनेजमेंट
- सुरक्षा
- सिस्टम पर नियंत्रण
- जॉब एकाउंटिंग
- एरर डिटेक्ट करना
- सॉफ्टवेर एवं यूजर के बीच समन्वय करना
मेमोरी मैनेजमेंट (Memory management)
इसका मतलब Primary Memory तथा Main Memory के Management से होता है| Main Memory बाइट्स का एक बड़ा व्यूह (array) होता है, जिसमें से प्रत्येक बाईट (Byte) का Address होता है|
Main memory से Fast Storage प्राप्त होती है जिस पर CPU सीधे Access किया जा सकता है |
Main memory में ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) कई कार्य करता है -
- प्राइमरी मेमोरी को टैक करना अर्थात ध्यान रखना कि उसके कौन से भाग का कौन प्रयोग कर रहा है एवं कौन-से भाग में नहीं|
- मल्टी प्रोग्रामिंग में ऑपरेटिंग सिस्टम यह निर्धारित करता है कि कौन सा प्रोसेस मेमोरी प्राप्त करेगा एवं कब और कितनी मेमोरी प्राप्त करेगा|
- जब कोई प्रोसेस मेमोरी रिक्वेस्ट करता है तो ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी को चुनता है|
- जब प्रोसेस को मेमोरी की आवश्यकता नहीं होती है तो ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी को वापस प्राप्त करता है|
प्रोसेसर मैनेजमेंट (Process Management)
Multi Processing में ऑपरेटिंग सिस्टम ये निर्धारण करता है कि कौन-सा प्रोसेस Processer को प्राप्त करेगा तथा कितने समय के लिए तथा कब प्राप्त करेगा | ये सब काम Process Scheduling करता है|
Process Management के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम कई कार्य करता है -
- Processor को ट्रैक करता है तथा प्रोसेस के Status को Track करता है | इस कार्य के लिए Programing को Traffic Controller कहा जाता है|
- प्रोसेस के लिए CPU आवंटित करता है |
- जब Processor की आवश्यकता नहीं होती है तो Processor को De-Allocate कर दिया जाता है अर्थात निरस्त या पुनः प्राप्त किया जाता है|
डिवाइस मैनेजमेंट (Device Management)
कई प्रकार की इनपुट व् आउटपुट Device जैसे Keyboard, Mouse, Printer, Card reader का मैनेजमेंट का काम ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) करता है| ऑपरेटिंग सिस्टम इन डिवाइसों के Utility की व्यवस्था करता है|
ऑपरेटिंग सिस्टम अलग-अलग डिवाइसों के बीच संचार को इनके Drivers द्वारा Manage करता है| इन सभी के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम कई प्रकार से काम करता है जैसे-
- सभी Devices को ट्रैक करता है इस कार्य को करने वाले प्रोग्राम को I/O Controller कहा जाता है|
- कौन सा Device कब कितने समय के लिए Process को दिया जायेगा |
- एक दक्षता पूर्ण तरीके से Device का चुनाव करता है |
- जब कार्य पूरा हो जाता है तब डिवाइस को De-Allocate करता है|
फाइल मैनेजमेंट (File Management)
File सिस्टम को सुविधाजनक तथा आसानी के लिए Directories में ऑर्गनाइज किया जाता है| इन डायरेक्ट्रीज में कई फाइल्स तथा दूसरी डायरेक्ट्रीज होती हैं |
फाइल मैनेजमेंट हेतु ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य
- Information, Location, Status आदि को ट्रैक करना
- फाइल का करेक्शन तथा Deletion.
- Directories का Creation एवं Deletion.
- File के Secondary Storage को map करना|
- Stable Storage media पर Files का back up प्रदान करना |
Computer Operator से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
1.पहला Operating System कब विकसित हुआ था? - 1950 ई. |
2. Android क्या है? - एक ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) |
3. Windows क्या है? -ऑपरेटिंग सिस्टम |
4. Hardware एवं Software के बीच समन्वय स्थापित करने वाले को क्या कहते हैं?- Operating System |
5. जब कंप्यूटर start होता है तब कौन सा Loader काम करता है? - Bootstrap loader |
6. MS-Dos किसके द्वारा बनाया गया ? - IBM |
7. यूनिक्स का विकास कब हुआ था? - 1969 |
8. जब कोई प्रोसेस मेमोरी request करता है तब सिस्टम मेमोरी का आवंटन कौन करता है? - Operating System |
9. ऑपरेटिंग सिस्टम का क्या काम होता है? - User तथा Computer Hardware के बीच मध्यस्थता करना |
10. एक से अधिक समय में एक से अधिक Users के लिए कार्य करने वाले सिस्टम को क्या कहते हैं? - Multi-User Operating System |
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