सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of Software)
Computer द्वारा प्रयुक्त होने वाले software को मुख्यतः तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है|
- सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)
- यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर के अंतर्गत वे सभी प्रोग्राम, लैंग्वेज तथा डॉक्यूमेंटेशन होते हैं जो कंप्यूटर के निर्माता द्वारा सप्लाई किया जाता है| ये प्रोग्राम यूजर को कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करने में मदद करते हैं एवं इनके द्वारा अपने प्रोग्राम को लिख सकता है | इस सॉफ्टवेर के द्वारा कम्प्यूटर को प्रयोग करने के साथ-साथ हार्डवेयर स्रोतों का प्रभावी एवं दक्षतापूर्वक प्रयोग संभव हो जाता है|
सिस्टम सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं|
(i) प्रोग्राम लैंग्वेज (Program Language)
इस सॉफ्टवेर के बगैर यूजर द्वारा अपना एप्लीकेशन को डेवलप करना संभव नहीं है| सिस्टम सॉफ्टवेयर को किसी विशेष कंप्यूटर के लिए लिखा जाता है|
(ii) सिस्टम यूटिलिटी (System Utilities)
सिस्टम यूटिलिटीज के अंतर्गत अनेक ऐसे प्रोग्राम होते है जो कंप्यूटर के प्रयोग को काफी सरल एवं तेज बनाते हैं| इनके माध्यम से प्रोग्राम की Efficiency बढ़ती है|
Editor, Loader, Monitor, Debugger तथा Operating System ये सभी System Utilities के अंतर्गत आते हैं|
एडीटर (Editor)
Editor ऐसे Interactive Programs होते हैं जो मेमोरी में स्टोर्ड होते हैं तथा जिसकी सहायता से यूजर प्रोग्राम लिख सकता है तथा कोई टेक्स्ट लिख सकता है एवं उसे बदल भी सकता है|
प्रोग्राम के Compile होने के बाद तथा उसके Error free होने के बाद Editor को फाइनल टेक्स्ट को RAM में स्टोर करने के लिए निर्देश दिया जा सकता है|
लोडर (Loader )
प्रोग्राम को execute करने से पहले उसको मेन स्टोरेज में रखा जाना चाहिए | वे स्पेशल प्रोग्राम को प्रोग्राम Input या फिर Storage devices से Read करते हैं तथा उसे Main Storage में Place करते हैं तो उसे हम Loader कहते हैं|
आज के समय कंप्यूटर में Loader ROM में Permanently Stored होते हैं|
मॉनिटर (Monitor)
Monitor भी एक प्रकार का प्रोग्राम होता है जो ROM में स्टोर्ड होता है तथा अनेक कार्य करता है जैसे -
(i) Instruction तथा डेटा को Enter या फिर लोड करना|
(ii) मेमोरी लोकेशंस तथा रजिस्टर्स की Contents को Display करना तथा Change करना|
(iii) प्रोग्राम को Execute करना
(iv) युक्तियों के कण्ट्रोल को मैनेज करना|
(v) मैमोरी एलोकेशन को मैनेज करना|
डिबगर (Debugger)
प्रोग्राम में हुई Mistake तथा Errors को Bug कहा जाता है तथा इन बग को रिमूव करने की जो प्रक्रिया अपनाई जाती है उसे Debugging कहते हैं| Debugging प्रक्रिया में सहायता करने वाले प्रोग्राम्स को हम Debugger कहते हैं|
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System )
ऑपरेटिंग सिस्टम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है| ये प्रोग्राम्स का इंटीग्रेटेड समूह होता है जो Human intervention के अनेक प्रोग्राम्स कंप्यूटर पर Run किये जाते हैं|
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर कंप्यूटर सिस्टम के ब्रेन की तरह कार्य करता है एवं उसकी सभी Components को Control करता है|
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application System)
एप्लीकेशन सॉफ्टवेर के अंतर्गत वे प्रोग्राम होते हैं जो यूजर के द्वारा कुछ विशेष फंक्शन को परफोर्म करने के लिए प्रयुक्त होते हैं|
(i) वे प्रोग्राम जो कि किसी विशेष कार्य के लिए लिखे जाते हैं | उदाहरण के तौर पर यदि आप अपनी संस्था के लिए मार्कशीट बनाने के लिए कोई प्रोग्राम लिखे तो इसका मतलब इन प्रोग्राम को लिखकर यूजर वांछित कार्य को पूर्ण कर सकता है|
(ii) वे प्रोग्राम जो ready to use होते हैं एवं ये लोगों की एक जैसी समस्या को हल करते हैं |
(iii) General Application Software या प्रोग्राम का मतलब जो मार्किट में मैन्युअली उपलब्ध होते हैं | इन Software के यूजर काफी ज्यादा होते हैं |
यदि आपको Work Processing से सम्बंधित कार्य करना है तो MS Word Use कर सकते हैं इसी प्रकार यदि आपको Spread Sheet use करनी है तो आप MS Excel का यूज कर सकते हैं|
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर वे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं जो कि किसी प्रोग्राम के डेवलपमेंट में प्रयुक्त होते हैं | यूटिलिटी सॉफ्टवेयर को डाटा ट्रान्सफर के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है| और भी इसी प्रकार यूटिलिटी सॉफ्टवेयर जैसे सॉर्ट प्रोग्राम की सहायता से Record की Shorting files की Merging, files की Updating आदि की जा सकती है|
महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
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