हड्डियों का निर्माण एवं उनके कार्य | Formation and Development of Bones

 जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर का आधार हमारी हड्डियाँ होती है यदि हम शरीर से त्वचा, मांस को हटा दें  तो मानव के अन्दर केवल हड्डियाँ (जिन्हें हम अस्थियाँ भी कहते हैं) ही दिखाई देंगी| ये हड्डियों का कंकाल ही हमारे शरीर का ढांचा बनाता है | इसी ढांचे को कंकाल या फिर अस्थि पंजर कहा जाता है|

हड्डियों का ढांचा शरीर को साधे रखता है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि एक एकदम सीधा और अचल होता है | शरीर का ढांचा जगह-जगह से मुड़ता है जिससे माध्यम से हम अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार मोड़ और घुमा सकते हैं| यदि ढांचा ऊपर से नीचे तक कठोर होता तो न तो उँगलियां उठती, न हाथ घुमाते और न ही पैरों को इधर से उधर खिसका पाते |

हड्डियों का निर्माण एवं उनके कार्य | Formation and Development of Bones
Haddiyon-Ka-Nirman

लेकिन ऐसा नहीं है, ढांचा सख्त तो होता है फिर भी नेचर ने हमें ऐसा बनाया है कि यह कई जगहों से मुड़ जाता है|

 हड्डियों की संख्या (Number of Bones)

हमारे शरीर में ढांचे में कुल मिलाकर 206 हड्डियाँ (Bones) होती हैं | ये हड्डियाँ सारे शरीर में बंटी रहती हैं जिसके बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे|

1.खोपड़ी (Skull)

मनुष्य की खोपड़ी में कुल 22 हड्डियाँ पायी जाती हैं| खोपड़ी हमारी गर्दन के उपरी भाग पर टिकी होती है| गर्दन के सहारे खोपड़ी को अलग- अलग दिशाओं में घुमाया जा सकता है|

मनुष्य को की खोपड़ी को हम कई भागों में बाँट कर समझने का प्रयास करते हैं|

  •  मस्तिष्क कोष (Cranium) - यह एक डिब्बा के समान होता है जिसके अन्दर मस्तिष्क सुरक्षित होता है| इसका निर्माण 8 हड्डियों से होता है|
  • चेहरा (Face)- मनुष्य के चेहरे में कुल 14 हड्डियाँ होती हैं|
  • कर्ण अस्थियाँ(Ear Ossicles) - कर्ण हस्तियों की संख्या 6  होती हैं |
  • हाइओइड (Hyoid) - 1 अस्थि 

2. कशेरुक दंड (Vertebral Calumn) 

इसका निर्माण 26 कशेरुकाओं से मिलकर होता है |यह कई प्रदेशों में बटी होती है |

 ग्रीवा प्रदेश 

 7 ग्रीवा कशेरुकाएं

 वछ प्रदेश

 12 वक्ष कशेरुकाएं

  कटि प्रदेश

  5 कटि कशेरुकाएं

 त्रिक प्रदेश

 1 त्रिकास्थि

 अनुत्रिक प्रदेश

 1 अनुत्रिकास्थी


अब हम जानेंगे कि अस्थियों का निर्माण एवं विकास किस प्रकार होता है जिसे जानना आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है|

 अस्थियों का निर्माण एवं विकास (Formation and Development of Bones)

यदि हम शिशु का जन्म का विकास देखें तो शुरुआत में अस्थियाँ एक पतली झिल्ली के रूप में तथा लम्बी अस्थियाँ उपास्थि के टुकड़ों तथा छड़ के रूप में होती है|

जब धीरे-धीरे इनमें कैल्शियम जमना प्रारंभ होता तब इनमें मजबूती और कड़ापन आने लगता है| धीरे-धीरे इनमें कोशायें  प्रवेश करती हैं जिससे वे उपास्थियों का अवशोषण करके अस्थि का रूप दे देतीं हैं| 

 अस्थियों का संघटन ( Composition of Bones) 

अस्थियाँ संयोजी ऊतकों से बनती है | ये संयोजी ऊतक दृढ एवं मजबूत होते हैं इन ऊतक में 50% जल तथा शेष 50% ठोस पदार्थ होता है|

हर अस्थि एक पतली झिल्ली से ढकी रहती है जिससे अस्थि की सुरक्षा होती है| अस्थियों का निर्माण करने वाली अस्थि कोशिकाएं दो प्रकार की होती हैं |

1.अस्थिसप्रू (Osteoblast) - ये अस्थि का निर्माण का काम करती है | ये अघुलनशील कैल्शियम फास्फेट को घुलनशील अवस्था में बदल देती है जो रक्त में घुलकर स्थान एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है|

2. अस्थि भंजक (Osteoclast) - ये अस्थियों को शोषित करती है| अस्थि निर्माण प्रक्रिया में अस्थिसप्रू (Osteoblast) तथा अस्थिभंजक (Osteoclast) साथ-साथ मिलकर रहते हैं | अस्थिसप्रू निर्माण का काम करती है और अस्थि भंजक उसे हटाती है जिससे अस्थियों को सही आकार मिल सके|

अस्थियों के बीच खोखले भाग में अस्थि मज्जा होती है | अस्थि मज्जा दो प्रकार की होती है -

1. लाल अस्थिमज्जा (Red Bone Marrow) - इस अस्थिमज्जा में लाल रक्त कणों का निर्माण होता है इसलियें इनका रंग लाल होता है|

2. पीत अस्थिमज्जा (Yellow Bone Marrow) - इसमें वसा, रक्तवाहिकाओं के साथ जलीय उतक भी अधिक मात्रा में होते हैं इसलिए इनका रंग पीला होता है|

 अस्थियों / कंकाल तंत्र की उपयोगिता (Importance of Skeletal System/ Bones)

कंकाल तंत्र शरीर के  लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है| इनके अलग-अलग कार्य निम्न प्रकार होते हैं|

  1. शरीर को आकृति देना - कंकाल तंत्र हमारे शरीर को एक आकार प्रदान करता है| इसकी हड्डियाँ बाहर से त्वचा द्वारा ढकी होती हैं | त्वचा तथा हड्डियों के बीच मांसपेशियां होती हैं| यदि हमारे शरीर में हड्डियाँ न होती तो शरीर का सधा रह पाना संभव न होता |
  2. शरीर को गति प्रदान करना - शरीर में अस्थि संस्थान का एक महत्वपूर्ण कार्य शरीर को गति प्रदान करना है | शरीर के विभिन्न अंगों की गति अस्थियों तथा मांसपेशियों के सहयोग से ही संभव हो पाती है| 
  3. शरीर को द्रढ़ता प्रदन करना - हड्डियों के कारण शरीर में द्रढ़ता आती है| अस्थियों की सहायता से ही हम भारी से भारी बोझ आसानी से उठा सकते हैं|
  4. श्रवण तथा श्वसन में सहायता करना - हमारे कंकाल में उपस्थित विभिन्न उपास्थियाँ श्रवण तथा श्वसन में सहायक होती हैं| कान के अन्दर के भाग, वायु नलिकाओं के छल्ले तथा पसलियों का कुछ भाग उपास्थि से निर्मित होता है| ये उपास्थियाँ श्रवण तथा श्वसन क्रियाओं में सहायक होती हैं|
  5. पेशियों को जुड़ने का स्थान देना - विभिन्न मांसपेशियों अस्थियों के साथ जुडी रहती हैं | इसी से अनेक प्रकार से सुरक्षा प्रदान करते हैं|
  6. रुधिर कणिकाओं का निर्माण में सहायता - कंकाल की लम्बी अस्थियों की मज्जा में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण होता है| हड्डियों द्वारा लगातार रुधिर कणिकाओं के निर्माण को ध्यान में रखते हुए ही अस्थियों को लाल रुधिर कणिकाओं के निर्माण की फैक्ट्री भी कहते हैं|
  7. कैल्शियम को संचित करना - शरीर के लिए कैल्शियम की अधिकांश मात्रा अस्थियों में ही संचित होती है|

महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)


1.मनुष्य के शरीर में कुल कितनी हड्डियाँ पायीं जाती हैं? -206

2. मनुष्य की खोपड़ी में कुल कितनी हड्डियाँ होती हैं? - 22

3.मनुष्य के शरीर की सबसे बड़ी हड्डी कौन सी होती है? -फीमर (उरू हड्डी) जांघ की 

4. मानव की रीढ़ में कितनी हड्डियाँ होती हैं?- 33

5. मनुष्य के शरीर की सबसे छोटी हड्डी कौन सी होती है? -कान की 

6. मनुष्य की सबसे छोटी हड्डी का क्या नाम है? - स्टेप्स

7. मनुष्य के चेहरे में कुल कितनी हड्डियाँ होती हैं? -14 

8. कंकाल तंत्र के अध्ययन को क्या कहते हैं? - अस्थिविज्ञान (Osteology)

9. किस अस्थिमज्जा में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण होता है? - रेड बोनमेरो में 

10. शरीर के ऊपर सतह पर त्वचा के ऊपर स्थित रचनाएं जो द्रढ़ता प्रदान करती हैं, उन्हें कौन बनाती हैं? - बाह्य कंकाल

11. शरीर की सबसे मजबूत हड्डी होती है? - जबड़े की 

12. किसके जमाव के कारण मानव की गांठों में दर्द होने लगता है? - लैक्टिक एसिड

13. मनुष्य के कान में कुल कितनी हड्डियाँ होती हैं? - 6

14. बच्चो में कुल कितनी हड्डियाँ होती हैं?- 270

15. दो हड्डियों को आपस में जोड़ने वाले भाग को क्या कहते हैं? - लिगामेंट (स्नायु)


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